Facts About Shodashi Revealed

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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या

सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥

ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।

The Devas then prayed to her to wipe out Bhandasura and restore Dharma. She is considered to own fought the mother of all battles with Bhandasura – some scholars are in the perspective that Bhandasura took several types and Devi appeared in several forms to annihilate him. Eventually, she killed Bhandasura With all the Kameshwarastra.

While in the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered to be a pivotal deity in guiding devotees towards Moksha, the final word liberation from your cycle of start and Loss of life.

सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥

सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की get more info सृष्टि करती है।

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥

कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥

ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।

Throughout the main temple in the Kamakhya elaborate resides Shodashi, or Surashi, the Devi of sixteen summers, so named since she assumes the form of the youth of eternally sixteen. She is thought, also as Kamakshi Devi and there is no doubt this is actually her epicenter of power within the terrestrial airplane.

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